गधे की शादी
यूपी के एक गांव में दलसिंह नाम का व्यक्ति रहता था। अपने गधे के साथ गांव के बाहर एक ईटो का भट्टा था। उसके पास उसका झोपड़ा था।दलसिंह और उसका गधा ईटों के भट्टे पर काम करते थे। और भट्टे से ईंटें भरकर गधे के साथ शहर गांव देकर आता था। दलसिंह के माता पता का बचपन में ही स्वर्गवास हो गया था, इस वजह से उसका इस जीवन में गधे के सिवाय कोई भी नहीं था। दलसिंह और उसका गधा जीवन के सुख-दुख एक साथ मिलकर बांटते थे।भट्टे का मालिक इन दोनों की मेहनत और ईमानदारी से बहुत खुश रहता था। इस वजह से इन्हें मेहनत के पैसे रोज दिया करता था। दलसिंह को जब शाम को मेहनत मजदूरी के पैसे मिलते थे, तो वह शराब के ठेके पर जाकर देसी शराब पीता था। और शराब के नशे में रोज अपने गधे से कहता था "कि मैं एक दिन तेरा विवाह कराऊंगा, दुनिया की सबसे सुंदर गधी से।"दलसिंह जब भी गधे की शादी की बात करता था, तो गधा खुशी से फूला नहीं शमाता था। दलसिंह यह बात शराब पीकर गधे से बचपन से कह रहा था।और नशे में उसे रोज ताना मारता था, कि तेरे इतने पीले दांत है, इन दांतों को देखकर कोई भी गधी तुझ से शादी नहीं करेगी। यह बोलकर दलसिंह बहुत तेज तेज हंसता था। दलसिंह की यह बात सुनकर गधा उठकर धीरे से बाहर चला जाता था। और दलसिंह की बात सुनने के बाद गधा कुएं के पास बैठ कर ईट के टुकडे पीसकर अपने पीले पीले दांतो रगड़ रगड़ कर मलता था। साफ करने के बाद कमरे में आकर दलसिंह को अपने दांत दिखाता था। दलसिंह गधे के दांतो पर लाल लाल ईट का रंग देख कर अपना पेट पकड़ पकड़ कर बहुत हसता था। दलसिंह ने गधे के मन और दिमाग में शादी की बात बचपन से डाल दी थी। गधा रोज इंतजार करता था, कि दलसिंह मेरी शादी किस दिन करवाएगा। एक दिन गांव में शादी थी। दलसिंह और गधे के लिए उस शादी का न्योता आता है। यह दोनों शादी वाले दिन नहा धोकर शाम को शादी में शामिल होने जाते हैं।गधा शादी का टेंट बारातियों और सजावट को देख कर बहुत खुश होता है, कि एक दिन मेरी शादी भी ऐसे ही होगी। दलसिंह और गधा दावत खाकर रात को अपने ईट भट्टे की तरफ चल पड़ते हैं। आज दलसिंह ने शराब नहीं पी थी।दलसिंह और गधा खेतों के अंधेरे सुनसान रास्ते से, आपस में बात करते हुए अपने भट्टे की तरफ चलते रहते हैं। गधा रास्ते में दलसिंह से बार-बार पूछता है "कि मेरी शादी कब होगी।"दलसिंह को गधे से शादी की बात बार-बार सुनकर गधे पर उसे बहुत गुस्सा आ जाता है। और गधे को जो भी मुंह में आता है, उल्टा सीधा बोल देता है। और गधे से कहता है "कि क्या कभी गधों की भी शादी होती है।"दलसिंह की यह बात सुनकर गधे को बहुत ही गुस्सा आता है। गधा गुस्से में दलसिंह को दूलती मारकर जंगल की तरफ भाग जाता है।दलसिंह गधे को बहुत रोकने की कोशिश करता है, पर गधा दलसिंह की एक भी नहीं सुनता। गधे के जाने की वजह से दलसिंह का ईट के भट्टे का काम रुक जाता है। उस दिन दलसिंह को अपनी गलती का एहसास होता है, कि किसी की भी भावनाओं की मजाक नहीं उड़ानी चाहिए। गधा जंगल में पहुंचकर जंगली गधों की झुंड में शामिल हो जाता है। जंगली गधों के झुंड में शामिल होने के बाद, गधा एक दिन उनसे कहता है "कि कोई सुंदर सी गधी देखकर मेरी शादी करा दो। गधे की यह बात सुनकर जंगली गधे और जंगल के बाकी जानवर समझते हैं, कि यह कोई आवारा गधा है। और उसी समय उसे पीटना चालू कर देते। और पीट-पीटकर उस बेचारे गधे की जान ले लेते हैं। दलसिंह के पास जब गधे की मौत की खबर पहुंचती है, तो वह अपना सर जमीन में पटक पटक कर खूब रोता है। उस दिन दलसिंह को अपनी गलती पर बहुत अफसोस होता है। कहानी की शिक्षा-सबकी भावनाओं की कदर करनी चाहिए। कहानी की दूसरी शिक्षा-कोई भी गलत शिक्षा बच्चों के कोमल मन और दिमाग में नहीं डालने चाहिए।
madhura
02-Feb-2025 09:55 AM
v nice
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shweta soni
27-Sep-2022 11:30 AM
Nice post
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Gunjan Kamal
26-Sep-2022 11:18 PM
शानदार
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